विश्वेन्द्रसिंह सिंह

राजस्थान विधानसभा के डीग-कुम्हेर क्षेत्र (भरतपुर जिला) से निर्वाचित 59 वर्षीय विश्वेन्द्रसिंह सिंह भरतपुर के शाही परिवार से संबंध रखते हैं। सन् 2008 से पूर्व जनता दल और भाजपा में अपनी सेवाये दे चुके विश्वेन्द्रसिंह सिंह को अपनी ही पार्टी के सहयोगी और अपने ही क्षेत्र के डॉ. दिगम्बर सिंह से अनबन के कारण भाजपा छोड़ना पड़ा। सन् 2008 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 2013 में हुए राज्य के चुनावों में डीग-कुम्हेर क्षेत्र (भरतपुर जिला) से अपनी जीत तय की। दूसरी बार 2018 के चुनावों में भी उनको करीब 8000 से अधिक वोटों के अन्तर से जीत मिली।
अपने क्षेत्र में लगातार दो बार विजय प्राप्त करने और भरतपुर के शाही परिवार से संबंध होने के कारण उनको 25 दिसम्बर 2018 को राजस्थान राज्य की गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री का जिम्मा सौंपा गया। इस पद वे 14 जुलाई 2020 तक रहे और अपना इस्तिफा अषोक गहलोत को सौंप दिया। ये वो समय था जब विष्व, भारत और राजस्थान भयंकर महामारी के बाहर आने को झटपटा रहा था। राज्य में 8 से 10 प्रतिषत रोजगार देने वाले इस व्यवसाय को बहुत क्षति हुई थी। इससे ना सिर्फ होटल और रेस्टोरेन्ट बल्कि हैण्डिक्राफ्ट और मसाले निर्यात पर भी भारी असर पड़ा था। ट्रेवल एजेण्ट, गाईड, वेटर, कलाकार आदि पूरी तरह बेराजगार हो चुके थे।
राज्य का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से बन्द या यूं कहे कि समाप्त हो चुका था और इसको पुन पटरी पर लाने के लिये एक बेहतर संरक्षक की आवष्यकता थी। ये वो समय था जबकि किसी भी जिम्मेदार मंत्री को अपनी पूरी संवेदनायें दिखा कर जनता के बेहतरी के लिये काम करना चाहिए था। ऐसे समय में अपने राजनीतिक फायदे और नुकसान को देखने के बजाय उसको नजरअंदाज किया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपनी अंतिम सांसों में चल रहे राज्य के पर्यटन व्यवसाय को नया जीवन देने के बजाय अपने राजनेतिक भविष्य को एहमियत देने वाले विश्वेन्द्रसिंह सिंह ने अपने पद से त्यादपत्र दे दिया और राज्य के इस अति महत्वूर्ण विभाग को तड़पते हुए छोड़ दिया। ये वो समय था जब कि राज्य के पर्यटन व्यवसाय को एक नया रंग देना था, नई योजनाएं बनानी थी, बन्द पडे़ होटल और निर्यात व्यवसाय को आर्थिक सिंबल प्रदान करना था, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े ट्रेवल एजेण्ट, गाईड, वेटर, कलाकार आदि को राहत देनी थी जिन्हे भयंकर परेषानी का सामना करना पड़ा।
पिछले 16 महीनों से खाली पड़े पर्यटन मंत्री के पद को आज पुनः विश्वेन्द्रसिंह सिंह को सौंपा गया वजह चाहे जो भी हो लेकिन अगर उसका प्रभाव राज्य की जनता पर पड़ रहा हो तो ये अति विचारणीय है कि एक जिम्मेदारी का पद लेना और उसे पूरी ईमानदारी से निर्वाह करने में आप कितने सक्षम है। राज्य में पर्यटन विभाग एक अति महत्वपूर्ण विभाग है और इससे राज्य में करीब 15 प्रतिषत के राजस्व योगदान मिलता है। इसलिये राज्य की जनता और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग यही चाहेंगे कि उनको ऐसा संरक्षक मिले जो समय रहते उनकी समस्याओं का निवारण करे ना कि मंुह मोड़ कर चला जाये। राज्य का पर्यटन व्यवसाय अभी पूरी तरह से स्थापित नहीं हुआ है और अभी भी बहुत सी समस्याओं के निराकरण की आवष्यकता है इसलिये हम उम्मीद करते हैं कि अषोक गहलोत द्वारा दिये गये इस महत्वपूर्ण पद कर गरीमा बनी रहेगी और बहुत जल्दि हमें इस क्षेत्र में प्रगति दिखाई देगी।

अब्दुल नसीर
एडिटर
राजस्थान द गोल्डन डेजर्ट

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