जोधपुर, 22.03.2023। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र, मेहरानगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट एवं आडावल संस्थान, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 29 मार्च को मेहरानगढ़ दुर्ग के चौकेलाव महल में प्रातः 10ः00 बजे से एक दिवसीय ‘राजस्थानी भासा रौ जळसौ’ के अन्तर्गत महाराजा श्री गजसिंहजी, मारवाड़-जोधपुर के सानिध्य में राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता से जुड़े संगठन मेहरानगढ़ दुर्ग से मायड़ भाषा की ज्योत प्रज्ज्वलित कर राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता दिलाने का संकल्प लेंगे।
कार्यक्रम आयोजक महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र के सहायक निदेशक डॉ महेंद्रसिंह तंवर ने बताया कि राजस्थानी जळसै का आयोजन राजस्थान दिवस की पूर्व संध्या पर 29 मार्च को मेहरानगढ़ दुर्ग में होगा। इसके अन्तर्गत आयोजित राजस्थानी परिसंवाद में डॉ. आईदानसिंह भाटी, लक्ष्मणदान कविया, भंवरलाल सुथार, शिवदानसिंह जोलावास, तरनिजा मोहन रतनू, रामरतन लटियाल, हिमांशु शर्मा, खेमकरण लाळस, डॉ. सुखदेव राव, डॉ. इन्द्रदान चारण सहित अनेक राजस्थानी भाषा के विद्वान अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर राजस्थानी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा जिसमें महेन्द्र छायण, मोहनसिंह रतनू, डॉ. मीनाक्षी बोराणा, वाजिद हसन काजी, डॉ. जितेन्द्रसिंह साठिका, रतनसिंह चाम्पावत, डॉ. शक्तिसिंह खाखड़की, नाथूसिंह इन्दा काव्य पाठ करेंगे।
‘राजस्थानी भासा रौ जळसौ’ का समापन समारोह महाराजा श्री गजसिंहजी की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा। इस अवसर पर बाबा रामदेव शोध पीठ के निदेशक डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित जलसे का समाहार तथा महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश के सहायक निदेशक डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए भविष्य में किये जाने वाले कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।